दोस्तों, आज हम आपके लिए लाए है, बचपन की कुछ खट्टी मीठी यादों पर कविताएं। Mera bachpan poem in hindi के पंक्तियों के साथ आज हम बचपन की कुछ यादें ताज़ा करेगें जो हमारे बचपन के साथ जुड़ी है।
बचपन में हमने काफ़ी मस्ती की है, कभी रोए है तो कभी छोटी छोटी बातों पर खुश हो जाते थे। स्कूल के दिन भी मस्ती भरे थे जहां हम दोस्तो के साथ मस्ती भरे पल बिताते थे तो कभी टीचर की डाट खाते थे।
वो बचपन का माटी में खेलना तो कभी पकड़म पकड़ाई तो कभी छूपन छुपाई। कभी घर जाने में देरी हो जाए तो मां की डाट अलग से मिलती थी, और पापा के मार का तो क्या कहना।
पर आज इस भीड़ भरी दुनियां में ना जानें हमारा बचपन कहा खो गया। और इसी बचपन को याद करने के लिए Socialबस्ता आपके लिए लाया है, मासूम बचपन पर कविता, Hindi poems on childhood, Bachpan poem in hindi का खजाना।
आशा करता हु की आपको बचपन पर आधारित कविता पसंद आयेगी और आपको बचपन की यादों में ले जायेगी।
बचपन की पुरानी यादें
Bachpan Ki Yaadein Poem In Hindi
दिलों में कैद कर रखा है,
नटखट बचपन का खज़ाना,
खोल दू अगर इसे,
मेहकेगा बिता हुआ जमाना।
प्यारी प्यारी शैतानियां,
मासूमियत भरी बातें,
वो खेल था बचपन का,
होती थी दोस्तों से मुलाकाते।
बेमतलब का वो रूठना,
मां का प्यार से मनाना,
स्कूल ना जाना था,
तो पेट दर्द का बहाना।
ना फिक्र किसी बात की,
वो अल्हड़ सी नादानियां,
रात में साथ होती थी,
दादी नानी की कहानियां।
बीत गया वो बचपन,
देकर अपनी सौगाते,
याद आती है आज भी,
बचपन की पुरानी यादें।
बचपन की खट्टी मीठी यादें
bachpan ki yade poem in hindi
बीत गया वो प्यारा बचपन,
आज भी उसकी कहानी है,
बचपन खट्टी मीठी यादों की,
जिंदा दिलो में निशानी है।
पकड़ मां के आंचल को,
कभी बिलग कर रोए है,
पापा की उस डाट को,
हमने रोज तो खाई है।
बचपन का छुपन छुपाई का,
खेल भी बड़ा निराला था,
हर बार इस खेल में,
मैं ही पहले पकड़ा जाता था।
ना थी फिक्र किसी बात की,
ना ही कोई जिमेदारी थी,
रूठे मनाए एक दुसरे को,
बचपन की वो यारी थी।
नटखट बचपन की,
आज भी दिल में रवानी है,
बचपन खट्टी मीठी यादों की,
जिंदा दिलो में निशानी है।
कोई लौटा दे मेरा बचपन
Hindi poems on childhood memories
कोई लौटा दे मेरा बचपन,
नंगे पांव भागने का दिल करता है,
इन सर्द भरी बारिशों में,
नाचने का दिल करता है।
उस ममता भरी आंचाल,
लिपटने का मन करता है,
पापा के उस कंधो पर,
बैठने का दिल करता है।
मिट्टी के उस आंगन में,
ना जाने कितने खेल खेले है,
गिरे पड़े उस मिट्टी में,
आज मिट्टी में सोने का दिल करता है।
बिछड़ गए जो बचपन के दोस्त,
आज उनसे मिलने का मन करता है,
लड़ झगड़ कर उनसे ही,
फिर उन्हें मनाने का दिल करता है।
मतलबी इस दुनियां से,
आज भागने का दिल करता है,
कोई लौटा दे मेरा बचपन,
नंगे पांव भागने का दिल करता है।
बचपन पर हास्य कविता
Funny bachpan poem in hindi
बचपन की बाते प्यारी थी,
स्कूल भी हमारी न्यारी थी,
छोटे छोटे बच्चे थे हम,
मसूमियत हमारी सच्ची थी।
हमसे भारी हमारा बस्ता था,
हाल हमारा खस्ता था,
उसे उठाना था बड़ा मुश्किल,
पर चॉकलेट तभी सस्ता था।
सुबह उठना जान से भारी था,
स्कूल ना जाने का रोज नया बहाना था,
आंख पोछते गिरते पड़ते,
स्कूल तो हमे रोज़ ज्याना था।
मारके दोस्तो के सिर पर टपली
मज़े लेते थे उनके भरपूर,
खेल कूद से दिल नहीं भरता,
अपने ही दुनियां में रहते थे हम चूर।
बचपन में काफ़ी मार हमने खाई थी,
हाथ से पोंछ कर नाक हमने सर्दी भगाई थी,
जब छोटे नट खट बच्चे थे हम,
उस दौर की बाते भी बड़ी प्यारी थी।
बचपन के दिन कविता पर आखरी बात:
दोस्तों, आशा करता हूं की आपको Hindi poems on bachpan आपको जरूर पसंद आई होंगी। आपकी प्रशंसा दर्शाने के लिए और अन्य किसी विषय पर कविता या शायरी के लिए हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं।